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कफ सिरप के ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल से हो सकता है नुकसान — जानिए डॉक्टरों की चेतावनी

कफ सिरप अस्थायी राहत तो देता है, लेकिन गलत मात्रा में या लगातार सेवन से शरीर को गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

नई दिल्ली। सर्दी-खांसी के मौसम में लोग अक्सर बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हाल के मामलों ने यह दिखाया है कि यह आदत कई बार जानलेवा साबित हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कफ सिरप केवल “लक्षण कम” करता है, बीमारी का इलाज नहीं। लगातार इसका इस्तेमाल शरीर पर कई तरह से असर डालता है।

कफ सिरप में क्या होता है?

अधिकतर कफ सिरप में ये प्रमुख तत्व पाए जाते हैं:

  1. Dextromethorphan (DXM) – खांसी रोकने वाला एजेंट, लेकिन ज़्यादा मात्रा में यह मस्तिष्क पर असर डाल सकता है।
  2. Codeine – एक प्रकार का opioid, जो दर्द और खांसी दोनों को दबाता है, पर यह लत (addiction) का कारण बन सकता है।
  3. Antihistamines (जैसे Chlorpheniramine) – नींद लाने और एलर्जी कम करने वाले तत्व, जो सुस्ती और थकान बढ़ा देते हैं।
  4. Alcohol या menthol आधारित solvents – जो अस्थायी राहत देते हैं, लेकिन लंबे समय में लिवर पर असर डाल सकते हैं।

कफ सिरप के दुष्प्रभाव (Side Effects)

  • ज़्यादा मात्रा में लेने पर बेहोशी, भ्रम, चक्कर आने लगते हैं।
  • Codeine युक्त सिरप का लगातार उपयोग लत (addiction) में बदल सकता है।
  • लिवर और किडनी पर असर डालता है।
  • कुछ सिरप बच्चों के लिए घातक (fatal) साबित हो चुके हैं — WHO ने कई बार चेतावनी जारी की है।
  • लंबे समय तक सिरप का उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है।

कफ सिरप की लत (Addiction Warning)

कुछ युवा DXM और Codeine युक्त सिरप का उपयोग “नशे” के रूप में करते हैं, क्योंकि यह दिमाग में “high” पैदा करता है।
ऐसे सिरप से:

  • व्यवहार में बदलाव,
  • अवसाद (depression),
  • दिल की धड़कन बढ़ना,
  • और श्वसन तंत्र (respiratory failure) का खतरा बढ़ जाता है।

कई देशों में इसे “pharmaceutical drug abuse” के अंतर्गत अपराध माना गया है।

डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?

  • डॉक्टरों के अनुसार, खांसी अगर 3–5 दिन से ज़्यादा रहे तो कफ सिरप नहीं, diagnosis ज़रूरी है।
  • हर्बल या आयुर्वेदिक विकल्प जैसे तुलसी, अदरक, शहद, हल्दी वाला दूध कहीं ज़्यादा सुरक्षित हैं।
  • बच्चों और बुज़ुर्गों को कभी भी Self-medication नहीं करनी चाहिए।
  • Codeine आधारित सिरप सिर्फ़ डॉक्टर की पर्ची पर ही लिया जाना चाहिए।

प्राकृतिक उपाय (Safe Home Remedies)

  • गर्म पानी + शहद + नींबू – गले को आराम देता है।
  • तुलसी और अदरक की चाय – बलगम को साफ़ करती है।
  • हल्दी दूध – संक्रमण से बचाव करता है।
  • भाप लेना (Steam Inhalation) – नाक और गले की जकड़न दूर करता है।

WHO और भारत सरकार की चेतावनी

2024-25 में WHO ने कुछ देशों (जैसे The Gambia, Uzbekistan) में toxic cough syrups के कारण बच्चों की मौत पर चिंता जताई थी।
भारत की CDSCO (Central Drugs Standard Control Organization) ने भी कई दवाओं की जांच की और चेतावनी जारी की कि सभी सिरप विश्वसनीय ब्रांड से ही खरीदें।

कफ सिरप कभी-कभी राहत देता है, लेकिन इसका गलत या लगातार उपयोग शरीर के लिए ज़हर बन सकता है।
अगर खांसी लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।
स्वास्थ्य से समझौता न करें — हर दवा की सही खुराक और समय ही उसका इलाज तय करता है।

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