कुबेरेश्वर धाम में हादसा: भीड़-भाड़ के बीच दो महिलाओं की मौत, कई घायल
कांवड़ यात्रा से पहले कुबेरेश्वर धाम में भारी भीड़ और अव्यवस्था के चलते भगदड़ हुई; दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मृत्यु, दर्जन भर घायल।

कांवड़ यात्रा से पहले कुबेरेश्वर धाम में भारी भीड़ और अव्यवस्था के चलते भगदड़ हुई; दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मृत्यु, दर्जन भर घायल।
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले स्थित प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा से ठीक पहले भारी भगदड़ हुई, जिसमें दो महिलाओं की मौत और कई लोग घायल हो गए।घटना तब हुई जब हजारों श्रद्धालु एक दिन पहले धाम पहुंचे थे—अत्यधिक भीड़ और जगह की कमी के कारण धक्का-मुक्की शुरू हो गई और लोग तड़पने लगे।
आयोजन समिति और प्रशासन ने दावा किया था कि 4000 श्रद्धालुओं के लिए जगह और भंडारे की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वे पर्याप्त साबित नहीं हुई।
यातायात डायवर्जन और पार्किंग प्लान भी घोषित था, लेकिन हादसे के समय यह लागू नहीं था — जिससे बाहरी लोग और वाहनों की अफरातफरी बढ़ गई।

मृतक दोनों महिलाएं दम घुटने से मरी; कई घायल श्रद्धालुओं को सीहोर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।पुलिस, एसपी दीपक शुक्ला और SDRF टीम तत्काल पहुंची, लेकिन व्यवस्थाएँ पूरी तरह चरमरा गई थीं।
पिछले वर्षों में भी रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान भगदड़ की घटनाएं हुई थीं—यह स्थानीय प्रशासन की तैयारी और crowd control की अपर्याप्तता दर्शाता है।
कुबेरेश्वर धाम में घटी इस घटना ने दर्शाया है कि धार्मिक आयोजनों में पर्याप्त व्यवस्थाओं का अभाव हालात को गंभीर बना सकता है। प्रशासन, समिति और पुलिस को आगामी यात्रा को देखते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है—नहीं तो यह हादसा दोहराया भी जा सकता है।
क्या धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है?
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