
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादास्पद टिप्पणी ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को एक नई चुनौती दी है।
1 अगस्त 2025 को अमेरिका ने भारत पर नए व्यापारिक शुल्क (Tariffs) लागू कर दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस घोषणा के बाद, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर विवादास्पद बयान देते हुए इसे “Dead Economy” (मरी हुई अर्थव्यवस्था) करार दिया।
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने खुद को “विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था” घोषित किया है। ट्रंप ने कहा कि,
“भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह राजनीतिक प्रचार पर आधारित है, ज़मीनी सच्चाई कुछ और है।“

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ क्या हैं?
- अमेरिका ने भारत के कपड़ा, स्टील, ऑटो-पार्ट्स और दवाओं पर अतिरिक्त शुल्क लागू किए हैं।
- नई दरें 10% से 25% तक के बीच हो सकती हैं।
- अमेरिकी सरकार का तर्क है कि भारत “अनुचित सब्सिडी” और “प्रोटेक्शनिस्ट नीतियों” का लाभ उठा रहा है।
भारत सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है, लेकिन विदेश मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, यह मुद्दा जल्द ही WTO (विश्व व्यापार संगठन) के सामने उठाया जाएगा।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को बिगाड़ सकता है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंध – एक नज़र
वर्ष | कुल व्यापार (USD) | भारत का निर्यात | अमेरिका का निर्यात |
---|---|---|---|
2023 | $142 बिलियन | $78B | $64B |
2024 | $153 बिलियन | $85B | $68B |
नोट: अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
विपक्ष और अर्थशास्त्रियों की राय
भारत में विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार से जवाब मांगा है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा:
“मोदी सरकार की विदेश नीति और अर्थनीति पूरी तरह असफल रही है।”
अर्थशास्त्री प्रो. अरविंद कुमार ने NDTV को दिए बयान में कहा:
“भारत को अपने हितों की रक्षा करते हुए त्वरित कूटनीतिक जवाब देना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
- #DeadEconomy और #TariffWar ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं
- लोग ट्रंप के बयान को “अनुचित और भड़काऊ” कह रहे हैं
- कई उपयोगकर्ताओं ने भारत की आर्थिक विकास दर के आंकड़े शेयर कर ट्रंप की बातों को झूठा बताया है
अमेरिका द्वारा भारत पर नए टैरिफ लगाए जाने और डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी ने एक नई बहस छेड़ दी है। आने वाले दिनों में यह देखना रोचक होगा कि भारत सरकार इस पर क्या रणनीति अपनाती है। क्या भारत जवाबी टैरिफ लगाएगा? क्या व्यापारिक बातचीत दोबारा शुरू होगी?
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