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लेह-कारगिल में हिंसा के बाद कर्फ्यू, स्थानीयों ने राज्य सम्मेलन की रखी मांग

हिंसा में चार लोगों की मौत, कई घायल; प्रशासन ने हालात नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाया और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई।

हिंसा में चार लोगों की मौत, कई घायल; प्रशासन ने हालात नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाया और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई।

लद्दाख के लेह और कारगिल जिलों में हाल ही में भड़की हिंसा ने हालात गंभीर बना दिए हैं। झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालात को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया है और किसी भी तरह के सार्वजनिक जमावड़े पर पाबंदी लगा दी गई है।

सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बल सड़कों पर लगातार गश्त कर रहे हैं।

स्थानीयों की मांग

प्रदर्शनकारियों और स्थानीय संगठनों का कहना है कि लद्दाख को विशेष दर्जा और राज्य सम्मेलन (Statehood Convention) की आवश्यकता है। उनका आरोप है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है।

सरकार का पक्ष

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हिंसा को भड़काने के पीछे उत्तेजक भाषण और भड़काऊ गतिविधियाँ ज़िम्मेदार हैं। मंत्रालय ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।

2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था। तब से ही यहां के स्थानीय संगठनों और नेताओं की मांग है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए ताकि वे अपनी पहचान और संसाधनों की रक्षा कर सकें।

लेह-कारगिल की हिंसा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
स्थानीय जनता के बीच असंतोष बढ़ रहा है और अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वह संवाद और विश्वास बहाली के जरिए हालात को सामान्य करे।

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