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भारत-चीन के बीच पांच साल बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू

2020 से बंद रही प्रत्यक्ष उड़ानें अब अक्टूबर के अंत तक शुरू होंगी, रिश्तों में सुधार का संकेत

2020 से बंद रही प्रत्यक्ष उड़ानें अब अक्टूबर के अंत तक शुरू होंगी, रिश्तों में सुधार का संकेत

नई दिल्ली/बीजिंग।
भारत और चीन के रिश्तों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। दोनों देशों ने पांच साल बाद फिर से सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बहाल करने पर सहमति जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि अक्टूबर 2025 के अंत तक नई उड़ान सेवाएँ शुरू हो जाएंगी।

क्यों रुकी थीं उड़ानें?

  • भारत और चीन के बीच प्रत्यक्ष फ्लाइट्स जनवरी 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण रोक दी गई थीं।
  • इसके बाद सीमा विवाद और कूटनीतिक तनाव की वजह से इन उड़ानों को बहाल नहीं किया गया।
  • यात्रियों और व्यापारिक जगत को इससे भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

किसे होगा फायदा?

  • छात्रों को राहत: हजारों भारतीय छात्र चीन की यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई करते हैं। सीधी उड़ानें शुरू होने से उन्हें आसानी होगी।
  • व्यापार को बढ़ावा: दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे, लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी।
  • पर्यटन और कूटनीति: पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को गति मिलेगी।

सरकारी बयान

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,

“भारत और चीन ने आपसी सहमति से प्रत्यक्ष उड़ानों को बहाल करने का फैसला लिया है। यह दोनों देशों के नागरिकों की सुविधा और द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सकारात्मक कदम है।”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस पहल का स्वागत किया और कहा कि यह “कूटनीतिक रिश्तों में सुधार की दिशा में एक अहम संकेत” है।

यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अभी भी तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। लेकिन उड़ानों का फिर से शुरू होना यह दर्शाता है कि दोनों देश आर्थिक और नागरिक सुविधाओं को अलग रखकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

भारत-चीन उड़ानों का फिर से शुरू होना न सिर्फ यात्रियों और छात्रों के लिए राहत है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम भी माना जा रहा है।

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