सुशीला कार्की: नेपाल की राजनीति में प्रधानमंत्री पद की नई उम्मीद
GenZ आंदोलन और राजनीतिक उठापटक के बीच सुशीला कार्की का नाम संभावित प्रधानमंत्री पद की दौड़ में तेजी से उभर रहा है।

GenZ आंदोलन और राजनीतिक उठापटक के बीच सुशीला कार्की का नाम संभावित प्रधानमंत्री पद की दौड़ में तेजी से उभर रहा है।
काठमांडू। नेपाल की राजनीति इस समय बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। जेन-जेड आंदोलन के बीच देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में सामने आया है।
राजनीतिक हलकों में इसे लेकर हलचल तेज हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि कार्की की सादगी, न्यायप्रियता और ईमानदार छवि उन्हें मौजूदा नेताओं से अलग बनाती है।
पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के हालिया भावनात्मक बयान ने राजनीतिक तापमान और भी बढ़ा दिया है। वहीं युवा पीढ़ी, खासकर जेन-जेड वर्ग, सुशीला कार्की को पारदर्शी और बदलाव लाने वाली नेता के रूप में देख रहा है।
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता संघर्ष लंबे समय से एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ऐसे में यदि कार्की प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालती हैं, तो यह न केवल महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को नई ऊँचाई देगा बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
आपकी नज़र में सुशीला कार्की नेपाल की राजनीति में कितना बड़ा बदलाव ला सकती हैं? क्या उन्हें प्रधानमंत्री पद मिलना चाहिए? अपनी राय हमें नीचे कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं।